Farmers 'Delhi Chalo' March- किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन; दिल्ली की तरफ बढ़ रहे, सुरक्षाकर्मियों ने छोड़े आंसू गैस के गोले

किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन; दिल्ली की तरफ बढ़ रहे, शंभू बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों ने फिर छोड़े आंसू गैस के गोले, टकराव

Farmers Delhi Chalo March At Shambhu Border Tear Gas Shells Fired

Farmers 'Delhi Chalo' March At Shambhu Border Tear Gas Shells Fired

Farmers 'Delhi Chalo' March: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का आज दूसरा दिन है। मंगलवार को शाम तक दिल्ली जाने की कवायद के बाद किसान रात को जहां के तहां रुक गए थे। लेकिन सुबह होते ही किसानों ने एक बार फिर से दिल्ली की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं। इस बीच जब किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं तो शंभू बॉर्डर पर पहले से मुस्तैद सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को रोकने के लिए फिर से आंसू गैस के गोले दागे हैं। शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात हैं।

मंगलवार को भी सुरक्षाकर्मी लगातार किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ते रहे ताकि वह आगे न बढ़ें। किसानों के साथ टकराव के बीच सुरक्षाकर्मियों ने रबड़ की गोलियां भी दागी। जिसमें 50 से ज्यादा किसान और कुछ पत्रकार घायल भी हुए। हालांकि, किसानों के साथ टकराव में 20 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि यह भारतीय इतिहास का एक काला दिन है कि किसानों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।

जींद में दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर पर जबरदस्त टकराव रहा

अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पास जहां सुरक्षाकर्मियों और किसानों में टकराव देखने को मिल रहा था तो वहीं जब किसानों ने जींद में दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर से दिल्ली जाने की कोशिश की तो यहां जबरदस्त टकराव हुआ। सुरक्षाकर्मियों और किसानों के बीच लाठीयां तक चलीं और पथराव हुआ। इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने यहाँ भी आंसू गैस के गोले दागे।

हरियाणा पुलिस ने बताया कि, प्रदर्शंनकारी किसानों ने ट्रेक्टर-ट्राली और हथियारों से लैस होकर पंजाब से लगते शम्भू बॉर्डर(अम्बाला) और दाता सिंह बॉर्डर (खनौरी-जींद) में धारा-144 लागू होने के बावजूद बैरिकेडिंग तोड़ने का किया प्रयास और पुलिसकर्मियो पर भारी पथराव किया। जिसमें 24 पुलिसकर्मी घायल हुए। इन पुलिसकर्मियों में 15 पुलिसकर्मी शम्भू बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान घायल हुए जबकि 9 पुलिसकर्मी दाता सिंह बॉर्डर जींद में घायल हुए. पुलिस द्वारा वाटर कैनन, अश्रु गैस तथा हल्के बल का इस्तेमाल कर कानून व्यवस्था बनाए रखी गई।

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली के सभी बार्डर सील

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर हरियाणा और दिल्ली के बार्डर सील कर दिए गए हैं। पूरी दिल्ली में धारा-144 लागू है। वहीं दिल्ली के आसपास के हरियाणा के 15 जिलों में भी धारा-144 लगाई गई है। इसके साथ ही हरियाणा के सात जिलों में 15 फरवरी तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है।

किसान किसी भी हालत में अपने ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की ओर न बढ़ पाएं। इसके लिए दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर खड़े कीले बिछाए गए हैं। इसके साथ ही कंटेनर, कंटीले तारों, कंक्रीट-सीमेंटेड और लोहे के बैरीकेड्स से कई लेयर की बैरीकेडिंग की गई है। किसानों को रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स के साथ-साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की भी तैनाती है। जवानों के पास सुरक्षा उपकरणों के पूरे प्रबंध हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है.

क्यों दिल्ली जा रहे किसान?

किसानों की केंद्र सरकार से MSP गारंटी कानून समेत कुछ मुख्य मांगे हैं। जिन पर किसान केंद्र सरकार की मंजूरी चाहते हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच मीटिंग भी हो चुकी है। बीते सोमवार की शाम को दूसरी बार किसानों और केंद्र सरकार  के मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा के साथ चंडीगढ़ में 5 घंटे से ज्यादा मीटिंग चली थी लेकिन ये मीटिंग भी बेनतीजा रही। मीटिंग में किसानों और केंद्र सरकार के बीच सहमति नहीं बनी। जिसके बाद किसानों ने 'दिल्ली चलो' मार्च बरकरार रखा।

किसान बोले- सरकार हमारी मांगों पर गंभीर नहीं

केंद्र सरकार के साथ बातचीत न बन पाने पर किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर गंभीर नहीं है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने कल की बैठक में एक समाधान खोजने की कोशिश की ताकि हम सरकार से टकराव से बचें और हमें कुछ मिले। लेकिन कुछ नहीं हुआ।

सरवन सिंह पंढेर ने कहा, सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, सरकार बस समय निकालना चाहती है। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। सरवन सिंह पंढेर ने कहा पंजाब और हरियाणा के लोगों पर अत्याचार हो रहा है। ऐसा लगता है कि ये दोनों राज्य अब भारत का हिस्सा नहीं हैं, इन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा माना जा रहा है।

किसानों को कांग्रेस का समर्थन नहीं है

किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कांग्रेस को लेकर भी बड़ा बयान दिया। पंढेर ने कहा कि कांग्रेस हमें कोई सपोर्ट नहीं करती है। हम कांग्रेस को भी उतना ही दोषी मानते हैं जितनी भाजपा दोषी है। हम किसी के पक्ष वाले लोग नहीं हैं। हम किसान और मजदूर की आवाज उठाने वाले लोग हैं।